शारदा विश्वविद्यालय में आयोजित पहले दीक्षारंभ कार्यक्रम का भव्य आयोजन विश्वविद्यालय के सर सी. वी. रमन हॉल में किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार में शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, विशिष्ठ अतिथि के रूप के पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा उपस्तिथ रहे। इसी क्रम में शारदा विश्व विद्यालय के चांसलर पी के गुप्ता, प्रो चांसलर वाई के गुप्ता कुलपति प्रोफेसर डॉ जयंती रंजन ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार प्रोफेसर एम.एच. वाणी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) जयंती रंजन ने अपने संबोधन में सभी उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को शारदा विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा की नई यात्रा शुरू करने के लिए बधाई दी। उन्होंने विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम को विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर जोर देते हुए बताया और कहा कि इसमें मौलिक विषयों के साथ-साथ विकसित भारत और सतत विकास पर आधारित पाठ्यक्रम भी शामिल हैं। इसके अलावा, विदेशी भाषाओं का ज्ञान भी प्रदान किया जाएगा।
चांसलर पी.के. गुप्ता ने नव प्रवेशित विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान करें। उन्होंने विद्यार्थियों को नौकरी की तलाश करने के बजाय रोजगार सृजन पर ध्यान देने की सलाह दी और आशा व्यक्त की कि शारदा विश्वविद्यालय उनके भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा । प्रो चांसलर वाई.के. गुप्ता ने उपस्थित सभी अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों, विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्टाफ को नए सत्र की शुभकामनाएं दी। उन्होंने नवागत विद्यार्थियों को रचनात्मकता और नवाचार अपनाने के लिए प्रेरित किया और शारदा विश्वविद्यालय के उद्देश्य को देश की उन्नति के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना बताया।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शारदा विश्वविद्यालय को एक अत्याधुनिक संस्थान बताया जो नवीनतम तकनीक और शिक्षा से भरपूर है। उन्होंने विद्यार्थियों को इस पावन अवसर की शुभकामनाएं दी और विश्वास जताया कि वे भविष्य में राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।