आगरा में पानी की समस्या को लेकर 4 जुलाई 2024 को फतेहाबाद रोड स्थित शीरोज हैंग आउट में सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा और छाँव फाउंडेशन के सहयोग से ‘पानी पंचायत’ हुई जिसमें मुख्य अतिथि रूप में जलपुरुष राजेन्द्र सिंह चौधरी मौजूद रहे।

आपको बता दें 4 जुलाई 2024 को आगरा की जल समस्या पर फतेहाबाद रोड स्थित होटल कांप्लेक्स में संचालित शीरोज हैंगआउट में सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा और छाँव फाउंडेशन के सहयोग से आगरा की जल समस्या को लेकर ‘पानी पंचायत’ हुई जिसमें मुख्य अतिथि जलपुरुष राजेन्द्र सिंह चौधरी मौजूद रहे। पंचायत का मुख्य उद्देश्य आगरा को जल संकट के मौजूदा दौर से उबारने के लिए जागरूकता अभियान से आम जनमानस को जोडना है। पंचायत के सहभागियों के द्वारा सर्वसम्मति से माना गया कि आगरा भीषण जलकिल्लत के दौर में हैं, मानसून काल के तीन महीने अगर छोड दिये जायें तो पेयजल व सिंचाई दोनो ही दृष्टिकोणों से पानी की जरूरत से कही कम उपलब्धता है। यहां की भूजल प्रणाली या जल भित्ति तंत्र लगातार सिमटता जा रहा है, जिसका साक्ष्य है हैंडपंपों की उपयोगिता समाप्त होना। वहीं बात करें यमुना नदी की तो यमुना नदी में पानी अत्यंत कम है, गोकुल बैराज बद इंतजामी ग्रस्त है। वहीं जनपद की अन्य प्रमुख नदियों से उटंगन,खारी और तेरह मोरी बांध में राजस्थान से पानी आना बंद कर रखा गया है। उटंगन नदी के हेड ‘खनुआ डैम ‘ जो कि किसी समय बाबन मोरी बांध के नाम से मशहूर था ,उसको राजस्थान सिंचाई विभाग ने लगभग खारिज सा कर रखा है। इसी प्रकार यमुना नदी को गोकुल बैराज पर रोक रखा है। परिणाम स्वरूप आगरा में पेयजल और सिंचाई के पानी की बेहद किल्लत है।राजेन्द्र सिंह ने पंचायत में अपने अनुभव साझा कतरे हुए आगरा के लोगों से जागरूकता का आह्वान किया।