नगर निगम परिसर आगरा में रिटायर्ड सफाई कर्मचारी ने आत्मदाह करने का ऐलान कर खलबली मचा दी। रिटायर्ड सफाई कर्मचारी कई महीनो से नगर निगम में अपनी पेंशन और पीएफ के पैसे के लिए चक्कर लगा रहा है। लेकिन निगम के अधिकारियों द्वारा उसको गुमराह किया जा रहा है।अधिकारियों के खराब रवैए और बिगड़ती आर्थिक स्थिति के चलते रिटायर्ड कर्मचारी ने आत्मदाह करने की बात कही है।

नगर निगम आगरा में रिटायर्ड सफाई कर्मचारी ने आत्मदाह करने की बात कह खल बली मचा दी। नगर निगम आगरा में अधिकारियों की अनदेखी और अपनी बिगड़ती आर्थिक स्थिति से परेशान होकर रिटायर्ड सफाई कर्मचारी विजय ने नगर निगम परिसर में ही आत्मदाह करने की बात कह डाली। रिटायर्ड सफाई कर्मचारी विजय करीब 5 महीने पहले रिटायर्ड हो चुका है लेकिन 5 महीने में निगम के अधिकारियों द्वारा उसकी पेंशन, पीएफ ,ग्रेच्युटी आदि का भुगतान न होने से उसकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। रिटायर्ड कर्मचारी विजय का कहना है कि 5 महीने से मैं लगातार निगम के चक्कर काट रहा हूं लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं की जा रही है और मुझसे कहा जाता है कि तुम्हारी फाइल ही नहीं है जब फाइल ही नहीं है तो रिटायरमेंट कैसे हो गया। अधिकारियों के इस व्यवहार से परेशान होकर रिटायर्ड कर्मचारी विजय ने नगर निगम परिसर में ही आत्मदाह करने की बात कह कर सनसनी फैला दी। इसी मामले में उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के हरी बाबू वाल्मीकि ने कहा है कि हमारा संगठन कर्मचारी के साथ है और हम आत्मदाह नहीं करने देंगे उसके अलावा उन्होंने नगर निगम में सहायक लेखा अधिकारी के पद पर तैनात उल्लास वर्मा को इसका जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उनकी कार्यशैली से कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। कर्मचारी महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद इलाहाबादी द्वारा बताया गया कि संगठन कर्मचारियों के हित में काम कर रहा है और इस तरह के मामलों को अधिकारियों के सामने रखकर निस्तारण करने का कार्य कर रहा है। रिटायर्ड कर्मचारी विजय को हमारा संगठन आत्मदाह नहीं करने देगा इसको लेकर अधिकारियों से बातचीत की जा रही है और जल्द ही उनकी समस्या का निस्तारण कर दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि इसी तरह से करीब नगर निगम में सौ कर्मचारी पीड़ित हैं नगर निगम के अधिकारियों को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।