इसे अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की कमी कहें या अनदेखी जिसके चलते शहर और देहात में सैकड़ो पानी की टंकियां आज सफेद हाथी बनी हुई है । लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी लोगों को टंकियां से आज तक पानी नहीं मिला है। जबकि सरकारी कागजो में लाखों रुपए खर्च कर बंदरबांट कर लिया जाता है और जनता ठगी सी रह जाती है।

बरौली ब्लॉक स्थित गांव कहरई जो कि अब नगर निगम सीमा में शामिल हो गया है। वहां पर बनी पानी की टंकी लोगों को चिडाती नजर आती है । सरकारी कागजों में पानी की टंकी भी बनी और पाइपलाइन में डाली गई । नल भी लगाए गए लेकिन उन नालों से आज तक कभी पानी नहीं आया जिसे लेकर ग्रामीणों ने जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों पर भड़ास निकालते हुए कहा की लाखों रुपए का बंदरबांट कर यह टंकियां लगा दी गई है। लेकिन फिर भी लोग पानी के लिए भटक रहे हैं। आपको बता दें कि इस गांव की आबादी 3 हजार से अधिक है । जगह-जगह पानी की टंकियां लगाई गई है और जल निगम द्वारा पाइपलाइन भी डाली गई । लेकिन चंद दिनों बाद यह टंकियां खराब हो गई । और इन्हें देखने तक कोई नहीं आया । कुछ ही दिन लोगों को पानी मिला उसके बाद यह टंकियां शोपीस बनी हुई है।
इस गांव में हजारों की संख्या में दलित समाज के लोग रहते हैं । जो के अपनी पानी की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं है । ऐसे लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन चुनाव के समय सभी लोगों को उनकी याद आती है । उसके बाद न तो अधिकारी और न ही जनप्रतिनिधि इनकी सुध लेने आते हैं । जिसके चलते हजारों लोगों को ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।