12 फीसदी जीएसटी के विरोध में एक हजार से अधिक व्यापारियों ने अपने रजिस्ट्रेशन कराये रद्द..देश भर से आये जूता कारोबारियों की संयुक्त महासभा में यह फैसला लिया गया..सरकार के इस फैसले के खिलाफ आज दोपहर दो बजे तक जूता कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर नाराजगी जतायी ||

जूते पर 5 से बढ़ाकर 12 फीसदी जीएसटी कर देने से देश भर के जूता कारोबारियों में बेहद रोष है..सरकार के इस फैसले के बाद कारोबार में बड़े पैमाने पर गिरावट की बात कहने वाले व्यापारियों ने इसका खुलकर विरोध किया है..अखिल भारतीय जूता संघ के आह्वान पर बुलायी गई संयुक्त महासभा में 26 प्रांतों के जूता व्यापारी, दस्तकार और पदाधिकारियों ने भाग लिया..द आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन के नेतृत्व में बुलाई गई इस महासभा में अध्यक्ष विजय सामा ने कहा कि सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है..सरकार ने कहा था कि जो जीएसटी कपड़े पर लगेगी वही जूते पर भी लगायी जायेगी..लेकिन 12 फीसदी कर दी गई..इससे भारत में घरेलू जूते की 65 (पैंसठ) फीसदी आपूर्ति घटकर 50 फीसदी हो गई..बीआईएस और नगर निगम व्दारा जूते की कतरन पर टैक्स भी इन कारोबारियों को नामंजूर है..
इस दौरान देश भर से आये वक्ताओं ने सरकार की इस नीति की खिलाफत की..कार्यक्रम संयोजक अजय महाजन ने कहा कि जब हमारे कारोबार पर चोट होगी..हम मिलकर मुकाबला करेंगे..कानपुर एसो, के गुरमीत सिंह और विमल कपूर ने कहा कि सरकार को हमारी बात सुननी चाहिये..महासभा में 1085 (पचासी) कारोबारियों ने बढ़ी हुई जीएसटी के विरोध में अपने रजिस्ट्रेशन रद्द करा दिये..इस अवसर पर मुस्लिम समाज के ताहिर कुरैशी, नरेन्द्र पुरसनानी, दिलप्रीत सिंह, श्याम जरारी, सोमदत्त पिप्पल के अलावा सोल एसो. के विनोद शीतलानी, नेशनल चैंबर के अम्बा प्रसाद गर्ग सहित हजारों की संख्या में जूता कारोबारी लोग मौजूद रहे..