उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कावड़ यात्रा के दौरान खाने पीने के समान बेचने वालो से उनके प्रतिष्ठान पर नाम लिखने को लेकर जो फरमान जारी किया था उसे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद विपक्षी नेताओं ने इस फैसले की सराहना करते हुए कोर्ट द्वारा सरकार के चेहरे पर तमाचा बताया है |

बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश सरकार के एक फैसले को लेकर सियासत तेज चल रही थी जिसमें सरकार ने कावड़ यात्रा के दौरान आने वाले जिलों में खाने-पीने की समान की दुकानों और दागों पर उनके मालिकों के नाम लिखने के आदेश जारी किए थे इस फैसले को लेकर लगातार आप और प्रचार रूप का दौर चल रहा था सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के खिलाफ में निर्देश दिए हैं कि किसी को भी नाम लिखने की जरूरत नहीं है बल्कि के खाने का प्रकार लिखा जाए की खाना शाकाहारी है या मांसाहारी इस फेल के बाद अब सपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इस फैसले का स्वागत करते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला है और कहां है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार की मनसा कामयाब नहीं हो सकी इस फैसले से सरकार लोगों को बांटने का काम कर रही थी और आपसे सौहार्द बिगाड़ने का काम किया जा रहा था इसी के साथ सपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सौहार्द को बढ़ाने का काम किया है |