जनता के लिए शासन प्रशासन द्वारा योजनाएं तो लगातार बनाई जाती है । लेकिन वह योजनाए कागजों में ही सीमिट कर जाती है। हालांकि लाखों खर्च करने के बाद योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए कार्य किया जाता है । लेकिन आम जनता को उसका लाभ नहीं मिल पाता है। इसके जीते जागते उदाहरण आप शहर में कई स्थानों पर देख सकते हैं।

उत्तर प्रदेश में 14 साल बाद जैसे ही भाजपा की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने शमशाबाद रोड स्थित उखर्रा की एक दलित बस्ती का दौरा किया और वहां मूल सुविधाएं देने की घोषणा की । इसी कड़ी में यहां पर एक शौचालय का निर्माण कराया गया था । क्यों कि इस क्षेत्र में अधिकांश दलित परिवार रहते हैं। मुख्यमंत्री द्वारा एक दो मंजिला शौचालय की घोषणा की गई । शौचालय तो बना लेकिन कुछ दिनों बाद शौचालय बंद कर दिया गया । शौचालय पर आज ताला लगा हुआ है । लोगों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है। इससे साफ है केवल लोगों को गुमराह करने के लिए ठेकेदारों और अधिकारियों द्वारा यह कार्य किया गया । आज वह शौचालय केवल शोपीस बना हुआ है । लोगों का कहना है कि अब यह किसी के प्रयोग में नहीं आता है। इसलिए लोग यहां आराम फरमाते हैं । इससे कह सकते हैं कि कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। लेकिन गरीबों को सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।