शहर से लेकर देहात तक बंदरों का आतंक बरकरा जारी है। बंदरों के आतंक के चलते शहर में पहले भी कई जाने जा चुकी हैं। मंडलआयुक्त प्रदीप भटनागर के समय में इस समस्या को दूर करने के लिए नसबंदी अभियान चलाने को लेकर लाखों रुपए खर्च किए गए। लेकिन वह योजना धरातल पर कहीं दिखाई नहीं दी। लेकिन बंदरों का आतंक बरकरार है। जिसके चलते बाह के गांव नरी में लगभग कई दर्जन बंदरो ने हमला बोल दिया और लोग घायल हो गए।

थाना पिढ़ोरा क्षेत्र के नरी गांव में चार दर्जन से अधिक बंदरों का झुंड ने उत्पात मचाया। बंदरों के हमले को देख ग्रामीण भयभीत हो गए और वह उनसे बचने के लिए इधर-उधर भागने लगे। लेकिन बंदरों के आतंक का शिकार कई बुजुर्ग और बच्चे भी हो गए। बंदरों ने इस तरह आतंक फैलाया की लोग गिरकर अपने आप को बचाते दिखे। लेकिन बंदरों ने उन्हें काट लिया। कई लोगों के हाथ और पैर में फैक्चर हुआ है।ग्रामीणों के घरों पर बंदरों का आतंक, लगातार जारी है।
ग्रामीण और बच्चों पर बंदरों का हमला करने से लोग भयभीत है। बंदरों के हमले से बुजुर्ग महिला का पैर एवं मासूम बच्चे की बाजू टूटी गई। एक दर्जन ग्रामीण व अन्य कई लोग घायल है।बंदरों के झुंड के आतंक से ग्रामीण परेशान है। प्रशासन से भगाए जाने की मांग कि गई है। लेकिन उसके बाद भी ग्रामीणों में अभी भी डर बरकरार है लोग अपने बच्चों और बुजुर्गों को घरों से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं।