चंद महीना पहले प्रदेश सरकार द्वारा जी 20 सम्मेलन को लेकर करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे। जिसमें शहर को सुंदर और अच्छा बनाने के लिए हजारों पौधे रौपे गए तो वहीं तरह-तरह के डिजाइन चौराहों पर बनाई गई थी। लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के चलते आज वह बेकद्री का शिकार हो रहे हैं। कही पौधे सुख गये हैं तो कहीं पार्क उजड़े पड़े हुए हैं। लेकिन उसके बाद भी अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं है।

शहर के फतेहाबाद रोड से लेकर खेरिया मोड़ एवं ताजमहल व अन्य जगहों पर जी 20 सम्मेलन को लेकर करोड़ों रुपए खर्च किए गये थे। लेकिन आज महज वीआईपी फतेहाबाद रोड पर जहाँ आला अधिकारियों और मंत्रियों का आवागमन होता है उसी रोड पर उन पेड़ों की देख भाल की जा रही। नगर निगम और स्मार्ट सिटी के तहत कार्य हो रहा है। बात करें सजय पैलेस अंबेडकर पार्क और अन्य पार्को की तो हालात बहुत ही खराब है। पानी की कमी के चलते पेड़ और पौधे सूख गये है। पार्को की देखभाल कर रहे आगरा विकास प्राधिकरण और नगर निगम के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं । जिसके चलते ऐसे हालात पैदा हो रहे हैं। बात करें उन पार्कों की जिन्हें ठेकों पर उठाया गया है तो केवल उन्हीं पार्कों में सुविधा देखी जा सकती हैं। लेकिन सड़क किनारे और अन्य जगहों पर लगाये गए पौधे आज देखभाल के चलते सुख रहे हैं। हालांकि जिलाधिकारी आगरा भानु चंद्र गोस्वामी ने बैठक कर अधिकारियों को लाखों पेड़ लगाने के दिशा निर्देश दिए हैं । लेकिन पहले लगाए गए पौधों पर सवाल खड़े करते हुए । लोगों ने कहा कि भले ही पौधे कम लगाई जाए। लेकिन उनकी देखभाल होनी चाहिए।
हर साल लाखों पेड़ लगाए जाते हैं । लगाते समय अधिकारी और विभाग बड़े ही जोर-शोर से कार्य करते दिखाई देते हैं । लेकिन महज चंद दिनों बाद वह यह भूल जाते हैं कि पर्यावरण को बचाने के लिए जो कार्य किया गया था। जिसमें करोड़ों रुपए खर्च किए गए । आज उनका क्या हाल है जिसके चलते ऐसे हालात पैदा हो रहे हैं। देखा जाए तो यमुना किनारे एवं अन्य स्थानों पर 10 लाख से अधिक पेड़ लगाए गए थे। लेकिन आज वहां पेड़ों का नामो निशान तक नहीं है।