बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजय दशमी को देश भर में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। ताजनगरी मैं भी कुछ यही माहौल चारों तरफ देखने को मिला। वहीं उत्तर भारत का सबसे बड़ा रावण आगरा के रामलीला मैदान मैं बनाया गया जिसकी लम्बाई 120 फुट थी जिस बुराई के स्वरुप रावण का दहन भगवान् राम ने उसकी नाभि पर तीर चलाकर किया।।

ताजनगरी आगरा के रामलीला मैदान मैं विजय दशमी के पावन पर्व पर बुराई के प्रतीक रावण को जलाया गया देर रात लंकापति रावण का दहन भगवान श्री राम ने रावण की नाभि पर बाण चला कर किया। उससे पहले राम और रावण के बीच मल्ल युद्ध हुआ और फिर शुरू आगरा मैं हर वर्ष होने वाली आतिशबाजी की प्रतियोगिता का जो इस बार दो आतिशबाजों के बीच थी पहले अलीगढ़ से आये आतिशबाज मोहन सिंह थे और दुसरे आतिशबाज पीलीभीत से दिलशाद थे। दोनों की इस प्रतियोगिता मैं पीलीभीत के दिलशाद ने एक से एक आतिशबाजी कर रामलीला मैदान पर रावण दहन देखने आये लाखों लोगों का दिल जीत लिया और पिछले तीन वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रतियोगिता का जीत का खिताब अपने नाम किया।।
आतिशबाजी के वाद भगवान राम उत्तर भारत के सबसे बड़े 120 फुट लम्बे रावण के पुतले के पास रथ पर सवार होकर गए और रावण का दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की। इस दौरान रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के अलावा शहर के आला प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे । वहीं दूर दूराज से रामलीला और रावण का अंत देखने आये दर्शकों ने आतिशबाजी का जमकर लुफ्त उठाया।।