जिला अस्पताल में उस समय जमकर हंगामा होने लगा जब एक जिला अस्पताल के प्राइवेट कर्मचारी ने दवा लेने आई महिला और उसके परिजनों के साथ मारपीट कर दी। महिला के साथ मारपीट होने से महिला बेहोश हो गई और कुछ देर तक उसे जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में रखना पड़ा जहां चिकित्सकों ने उसका प्राथमिक उपचार किया|

जिला अस्पताल के प्राइवेट कर्मचारी ने महिला के साथ मारपीट की विवाद की शुरूआत बाइक हटाने को लेकर हुई जानकारी के मुताबिक पीड़िता अपनी सास बच्चे और परिजनों के साथ जिला अस्पताल में मासूम बच्चे को उपचार के लिए लाई थी जिला अस्पताल के एंट्री गेट के पास बने विद्युत कार्यालय के पास एक्टिवा खड़ी कर दी बच्चों को दिखाने और चिकित्सा से परामर्श लेने के बाद जब पीड़िता घर वापस जा रही थी तो उसकी एक्टिवा गाड़ियों के बीच में फस गई महिला के परिजनों ने आगे से एक बाइक को हटाकर गाड़ी निकालने का प्रयास किया तभी जिला अस्पताल का यह दबंग प्राइवेट कर्मचारी निकल आया उसने मरीज से कहा कि बाइक नहीं हटेगी और भूल कर भी इसे हटाना मत बस इसी बात को लेकर कहां सुनी शुरू हो गई विवाद बढ़ने लगा। पीड़ित महिला का कहना है कि उन्होंने उसे दबंग कर्मचारी से कहा कि आपकी गाड़ी हटाकर अपनी गाड़ी निकाल कर आपकी गाड़ी वहीं खड़ा कर देंगे लेकिन यह दबंग प्राइवेट कर्मचारी नहीं माना। पीड़िता ने बताया कि जैसे ही उन्होंने कर्मचारी की गाड़ी हटाई वह लड़ने पर उतारू हो गया उसने पहले महिला के साथ मौजूद व्यक्ति को लात मारी और फिर बीच बचाव करने आई महिला के पेट में भी जोरदार लात मार दी। जिससे उसका स्वास्थ्य अचानक से बिगड़ गया और वह बेहोश हो गई यह देखकर महिला के परिजनों ने भी युवक को घेर लिया और फिर दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी आनन फानन में महिला को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया जहां उसे प्राथमिक चिकित्सा उपचार दिया गया।
जिला अस्पताल के सीएमएस राजेंद्र अरोड़ा का कहना ही कि मामले की जानकारी हुई है उसे महिलाको इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया था लेकिन वह ठीक है इसके बाद उसे घर भेज दिया गया इस मामले की जांच पड़ताल कराई जा रही है और दोषी पर कार्यवाही होगी।