हाल ही में पूर्व मंत्री के पुत्र द्वारा ऑटो चालक को बुरी तरह पीटने का वीडियो वायरल हुआ था जिस पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने पूर्व मंत्री के पुत्र सहित तीन लोगो को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके चलते खुद प्रोफेसर डॉ संजय पाल सिंह द्वारा अपने ऊपर लगाए गए आरोप बे बुनियाद और निराधार बताएं।

ई रिक्शा चालकों द्वारा छात्राओं के साथ अभद्रता एवं छेड़छाड़ के चलते गुस्साए प्रोफेसर एवं अन्य लोगों ने ई रिक्शा चालक को सबक सिखाने के उद्देश्य से मारपीट करदी थी। इसके बाद पुलिस ने वायरल वीडियो के संज्ञान को लेते हुए प्रोफेसर व उनके अन्य दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था वही अब प्रोफेसर की रिहाई के बाद प्रोफेसर द्वारा दिए गए बयान में कहा गया की एक वायरल वीडियो के आधार पर जो पुलिस ने संज्ञान लिया वह सरासर गलत है दोनों पक्षों को आपस में सुनना चाहिए था एक तरफा कार्रवाई करके पुलिस ने ये कार्य गलत किया।
वहीं अब हम पुलिस के खिलाफ कॉलेज परिसर में आंदोलन कर रहे हैं जिसमें इंस्पेक्टर हरी पर्वत के द्वारा तमाम चीजों को समझने की कोशिश नहीं करी और पूरा वीडियो नहीं देखा एक वायरल वीडियो के आधार पर अपमानजनक कार्यवाही की गई अब जब तक इंस्पेक्टर हरिपर्वत को लाइन हाजिर नहीं किया जाएगा और हमारे पक्ष में पुलिस सम्मानजनक कार्यवाही करके नही दिखाएगी तब हम अपने संग में धरना प्रदर्शन समाप्त करने की बात रखेंगे।