आगरा कॉलेज परिसर में आयोजित हुए कार्यक्रम में कैडेट्स ने 25 वर्ष पूर्व कारगिल की चोटी पर पाकिस्तानियों द्वारा कब्जे के प्रयास को अपने प्राणों की आहुति देकर अदम्य साहस के साथ मुक्त कराने वाले जांबाज भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

कंपनी कमांडर कैप्टन अमित अग्रवाल ने कहा कि कारगिल का युद्ध विश्व के सबसे ऊंचे और दुर्गम क्षेत्र में लड़े जाने वाला युद्ध था, जिसमें भारतीय सेना ने अदम्य साहस एवं पराक्रम और सैनिकों की वीरता का प्रत्यक्ष प्रमाण विश्व के समक्ष दिया। भारतीय सेना के वीर जवानों ने कारगिल युद्ध में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा के अंतिम शब्दों को उद्घोषित करते हुए कहा कि “या तो मैं तिरंगा फहराकर वापस आऊंगा, या तिरंगे में लिपटा हुआ वापस आऊंगा, लेकिन मैं वापस जरूर आऊंगा”। उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि “हम ख़ून की क़िस्तें तो कई दे चुके, लेकिन ऐ ख़ाक-ए-वतन क़र्ज़ अदा क्यूँ नहीं होता”।